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श्री लड्डू गोपाल भगवान श्रीकृष्ण का बाल रूप है जिन्हें हिंदू धर्म में बहुत ही प्यार और श्रद्धा से पूजा जाता है। अगर आप भगवान श्री कृष्ण में आस्था रखते हे तोह आप श्री लड्डू गोपाल चालीसा का पाठ कर सकते है।

इस लेख में आपको सम्पूर्ण श्री लड्डू गोपाल चालीसा मिलेगी जिसके पाठ से आप भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पा सकते है और अपने जीवन में सुख और शांति ला सकते है।

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श्री लड्डू गोपाल चालीसा (Shri Laddu Gopal Chalisa)

—|| दोहा ||—

श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ।।

—॥ चौपाई ॥—

जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।।१।।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता ।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये ।।२।।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई ।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ ।।३।।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई ।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो ।।४।।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई ।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी ।।५।।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये ।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी ।।६।।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना ।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो ।।७।।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई ।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों ।।८।।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये ।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई ।।९।।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो ।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी ।।१०।।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये ।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई ।।११।।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी ।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी ।।१२।।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये ।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे ।।१३।।

दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पारथ रथ सारथि यश लीन्हों ।
गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे ।।१४।।

केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो ।
द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो ।।१५।।

कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा ।
ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो ।।१६।।

जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया ।
ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी ।।१७।।

गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन ।
देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा ।।१८।।

देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा ।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद ।।१९।।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला ।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी ।।२०।।

जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बांछित फल शीशा ।।

—।। छन्द।।—

गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई ।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई ।।___१

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महं चहैं ।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं ।।___२

—|| दोहा ||—

प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा-सिन्धु ब्रजेश ।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश ।।

श्री लड्डू गोपाल गोपाल की कहानी

भगवन श्री कृष्ण के लड्डू गोपाल रूप की एक प्रसिद्ध कथा है। ऐसा माना जाता है कि एक बार भगवान श्रीकृष्ण बाल रूप में एक भक्त के घर गए। उस समय वे एक हाथ में लड्डू लिए हुए थे और दूसरे हाथ में लड्डू खाने जा रहे थे उस समय भक्त ने उन्हें इस रूप में देखा और भक्ति में लीन हो गए।

इसी घटना के बाद से भगवान श्रीकृष्ण के इस बाल रूप को लड्डू गोपाल के नाम से जाना जाने लगा और भक्त उनके इसी रूप की पूजा करने लगे।

श्री लड्डू गोपाल चालीसा के लाभ

श्री लड्डू गोपाल चालीसा के पाठ से भक्त के जीवन में चमत्कारी प्रभाव पडते है। भक्त को जीवन में सुख और शांति प्राप्त होती है, जीवन के सभी दुःख दूर हो जाते है, परिवार में समृद्धि आती है, ईश्वर के प्रति प्रेम भाव बढ़ता है, तथा भगवन श्री कृष्ण की पुरे परिवार पर कृपा रहती है।

Shri Laddu Gopal Chalisa PDF

अगर आप श्री लड्डू गोपाल जी के भक्त हो और आप प्रतिदन चालीसा का पाठ करते हो तोह हम आपके लिए ले कर आये है श्री लड्डू गोपाल चालीसा की PDF। इस PDF के माध्यम से आप प्रतिदन सरलता से श्री लड्डू गोपाल जी की चालीसा का पाठ कर सकते है और जीवन के सभी दुखो को दूर कर सकते है।

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