Loading...
Advertisement
Ramshalaka Image

महाशिवरात्रि, शिवरात्रि और सोमवार यह ऐसे दिन हैं जिस दिन भगवान शिव जी की पूजा की जाती हैं। इस दिन भक्त पूजा, हवन कर भगवान को याद करते हैं। भगवान शिव स्तुति (Shiv Stuti) का पाठ अगर इस दिन किया जाए तो इसका अधिक लाभ मिलता हैं।

शिवजी उन त्रिदेवो में से एक हैं जिन्हे कई अलग अलग नामो से जाना जाता हैं। इनके हर नाम के पीछे एक अलग कथा हैं, इसलिए इसके भक्त इनको हर रूप और नाम से पूजते हैं। वे भक्त जो अपने प्रेम को भगवान के लिए व्यक्त करना चाहते हैं उन्हें इस स्तुति का पाठ जरूर करना चाहिए।

भगवान की अन्य स्तुति : मां गौरी स्तुति, श्री विष्णु स्तुति, हनुमान स्तुति, श्री खाटू श्याम स्तुति.

शिव स्तुति (Shiv Stuti Lyrics)

कैलासराणा शिवचंद्रमौळी | फणींद्र माथां मुकुटी झळाळी ||
कारुण्यसिंधू, भवदुःखहारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

Advertisement
Ramshalaka Image

रवींदु दावानल पूर्ण भाळी | स्वतेज नेत्रीं तिमिरौघ जाळी ||
ब्रह्मांडधीशा मदनांतकारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

जटा विभूति उटि चंदनाची | कपालमाला प्रित गौतमीची ||
पंचानना विश्वनिवांतकारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

वैराग्ययोगी शिव शूलपाणी | सदा समाधी निजबोधवाणी ||
उमानिवासा त्रिपुरांतकारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

उदार मेरु पति शैलजेचा | श्रीविश्र्वनाथ म्हणती सुरांचा ||
दयानिधीचा गजचर्मधारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

Advertisement
Ramshalaka Image

ब्रह्मादि वंदी अमरादिनाथ | भुजंगमाला धरि सोमकांत ||
गंगा शिरीं दोष महा विदारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

कर्पूरगौरी गिरिजा विराजे | हळाहळें कंठ निळाचि साजे ||
दारिद्र्यदुःखे स्मरणें निवारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

स्मशानक्रीडा करितां सुखाबो | तो देव चूडामणि कोण आहे ||
उदासमूर्ती जटाभस्मधारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

भूतादिनाथ अरि अंतकाचा | तो स्वामी माझा ध्वज शांभवाचा ||
राजा महेश बहुबाहुधारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

Advertisement
Ramshalaka Image

नंदी हराचा हर नंदिकेश | श्रीविश्वनाथ म्हणती सुरेश ||
सदाशिव व्यापक तापहारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

भयानक भीम विक्राळ नग्न | लीलाविनोदें करि काम भग्न ||
तो रुद्र विश्वंभर दक्ष मारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

इच्छा हराची जग हे विशाळ | पाळी रची तो करि ब्रह्मगोळ ||
उमापति भैरव विघ्नहारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

भागीरथीतीर सदा पवित्र | जेथें असे तारक ब्रह्ममंत्र ||
विश्वेश विश्वंभर त्रिनेत्रधारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

Advertisement
Ramshalaka Image

प्रयाग वेणी सकळा हराच्या | पादारविंदी वाहाती हरीच्या ||
मंदाकिनी मंगल मोक्षकारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

कीर्ती हराची स्तुति बोलवेना | कैवल्यदाता मनुजा कळेना ||
एकाग्रनाथ विष अंगिकारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

सर्वांतरी व्यापक जो नियंता | तो प्राणलिंगाजवळी महंता ||
अंकी उमा ते गिरिरुपधारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

सदा तपस्वी असे कामधेनू | सदा सतेज शशिकोटिभानू ||
गौरीपती जो सदा भस्मधारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

Advertisement
Ramshalaka Image

कर्पूरगौर स्मरल्या विसांवा | चिंता हरी जो भजकां सदैवा ||
अंती स्वहीत सुवना विचारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

विरामकाळीं विकळ शरीर | उदास चित्तीं न धरीच धीर ||
चिंतामणी चिंतनें चित्तहारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

सुखावसाने सकळ सुखाची | दुःखावसाने टळती जगाची ||
देहावसाने धरणी थरारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

अनुहात शब्द गगनी न माय | त्याने निनादें भव शून्य होय ||
कथा निजांगे करुणा कुमारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

Advertisement
Ramshalaka Image

शांति स्वलीला वदनीं विलासे | ब्रह्मांडगोळी असुनी न दिसे ||
भिल्ली भवानी शिव ब्रह्मचारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

पीतांबरे मंडित नाभि ज्याची | शोभा जडीत वरि किंकिणीची ||
श्रीदेवदत्त दुरितांतकारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

जिवाशिवांची जडली समाधी | विटला प्रपंची तुटली उपाधी ||
शुद्धस्वरें गर्जति वेद चारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

निधानकुंभ भरला अभंग | पाहा निजांगें शिव ज्योतिर्लिंग ||
गंभीर धीर सुर चक्रधारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

Advertisement
Ramshalaka Image

मंदार बिल्वें बकुलें सुवासी | माला पवित्र वहा शंकरासी ||
काशीपुरी भैरव विश्व तारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

जाई जुई चंपक पुष्पजाती | शोभे गळां मालतिमाळ हातीं ||
प्रताप सूर्यशरचापधारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

अलक्ष्यमुद्रा श्रवणीं प्रकाशे | संपूर्ण शोभा वदनीं विकसे ||
नेई सुपंथे भवपैलतीरीं | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

नागेशनामा सकळा जिव्हाळा | मना जपें रे शिवमंत्रमाळा ||
पंचाक्षरी घ्यान गुहाविहारीं | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

Advertisement
Ramshalaka Image

एकांति ये रे गुरुराज स्वामीं | चैतन्यरुपीं शिवसौख्य नामीं ||
शिणलों दयाळा बहुसाल भारी | तुजवीण शंभो मज कोण तारी ||

शास्त्राभ्यास नको श्रुति पढुं नको | तीर्थासि जाऊं नको ||
योगाभ्यास नको व्रतें मख नको | तीव्रें तपें तीं नको ||
काळाचे भय मानसीं धरुं नको | दुष्टांस शंकूं नको ||
ज्याचीया स्मरणें पतीत तरती | तो शंभु सोडू नको ||

स्कन्द उवाच

नम: शिवायास्तु निरामयाय नम: शिवायास्तु मनोमयाय ||
नम: शिवायास्तु सुरार्चिताय तुभ्यं सदा भक्तकृपापराय ||1||

नमो भवायास्तु भवोद्भवाय नमोऽस्तु ते ध्वस्त मनोभवाय ||
नमोस्तु ते गूढमहाव्रताय नमोऽस्तु मायागहनाश्रयाय ||2||

Advertisement
Ramshalaka Image

नमोऽस्तु शर्वाय नम: शिवाय नमोऽस्तु सिद्धाय पुरातनाय ||
नमोस्तु कालाय नम: कलाय नमोऽस्तु ते कालकलातिगाय ||3||

नमो निसर्गात्मकभूतिकाय नमोऽस्त्वमेयोक्षमहर्द्धिकाय ||
नम: शरण्याय नमोऽगुणाय नमोऽस्तु ते भीमगुणानुगाय ||4||

नमोऽस्तु नानाभुवनाधिकार्त्रे नमोऽस्तु भक्ताभिमतप्रदात्रे ||
नमोऽस्तु कर्मप्रसवाय धात्रे नम: सदा ते भगवन् सुकर्त्रे ||5||

अनंतरूपाय सदैव तुभ्यमसह्योकोपाय सदैव तुभ्यम् ||
अमेयमानाय नमोऽस्तु तुभ्यं वृषेन्द्रयानाय नमोऽस्तु तुभ्यम् ||6||

Advertisement
Ramshalaka Image

नम: प्रसिद्धाय महौषधाय नमोऽस्तु ते व्याधिगणापहाय ||
चराचरायाथ विचारदाय कुमारनाथाय नम: शिवाय ||7||

ममेश भूतेश महेश्वरोसि कामेश वागीश बलेश धीश ||
क्रोधेश मोहेश परापरेश नमोऽस्तु मोक्षेश गुहशयेश ||8||

शिव उवाच

ये च सायं तथा प्रातस्त्वत्कृतेन स्तवेन माम्।
स्तोष्यन्ति परया भक्त्या श्रृणु तेषां च यत्फलम्।।9।।

न व्याधिर्न च दारिद्र्यं न चैवेष्टवियोजनम्।
भुक्त्वा भोगान् दुर्लभांश्च मम यास्यन्ति सद्म ते।।10।।

Advertisement
Ramshalaka Image

भगवान शिव स्तुति के लाभ

अगर आप अपने अशांत मन से परेशान हैं तो शिव स्तुति का जाप जरूर करे। भगवान की प्राथना करने पर आपको इसका लाभ जरूर मिलेगा।

अगर मन अशांत हैं तो इससे तनाव भी बढ़ता हैं जिससे किसी भी काम में मन नहीं लगता तो यह स्तुति तनाव दूर करने में भी लाभकारी हैं।

वे लोग जो भगवान की स्तुति का पाठ करते हैं उनका मन तो शांत रहता ही हैं साथ ही वे आध्यात्मिक शक्तियों को भी प्राप्त करते हैं। और उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता हैं।

अगर आपकी ऐसी कोई मनोकामना हैं जो पूरी नहीं रही तो स्तुति का जाप जरूर करे। परिणाम में समय लग सकता हैं लेकिन मिलेगा जरूर।

Advertisement
Ramshalaka Image

Shiv Stuti PDF

Shiv Stuti PDF एक आसान तरीका हैं हर समय स्तुति का पाठ करने का। हमारे द्वारा आप भगवान शिव की स्तुति की pdf प्राप्त कर सकते हैं। जिसके माध्यम से आप बिना किसी परेशानी के भगवान शिव की भक्ति कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *