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Shree Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics & PDF | श्री राम चंद्र कृपालु लिरिक्स

ramshalaka October 11, 2025 96 views
Shree Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics & PDF | श्री राम चंद्र कृपालु लिरिक्स

“श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन” गोस्वामी तुलसीदास जी का एक बहुत ही प्रसिद्ध भजन है। इसे हर उम्र के लोग सुन सकते हैं और इसका संदेश सीधे हृदय तक पहुँचता है। इस भजन में भगवान राम की सुंदरता, उनकी करुणा और उनके जीवन के गुणों का वर्णन है। तुलसीदास जी ने इसे बहुत ही सरल और प्यारे अंदाज में लिखा है, ताकि हर कोई आसानी से समझ सके और उनके प्रति भक्ति महसूस कर सके।

भजन में बताया गया है कि भगवान राम न केवल हमारे दुख और भय को दूर करते हैं, बल्कि हमारे जीवन में अच्छाई और सच्चाई भी लाते हैं। इसे सुनने या गाने से मन शांति महसूस करता है और अंदर से एक खुशी की अनुभूति होती है। इसमें जो भाव है, वह सिर्फ भक्ति का नहीं, बल्कि हमारे जीवन में अच्छे विचारों और सही मार्ग की ओर ध्यान केंद्रित करने वाला है।

यह भजन खासतौर पर उन लोगों के लिए भी बहुत उपयोगी है जो भगवान राम के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को व्यक्त करना चाहते हैं। चाहे आप इसे घर में पूजा के समय गाएँ, या जन्माष्टमी, रामनवमी जैसी पर्वों पर, या सिर्फ दिन की शुरुआत में सुनें, यह आपके मन को भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन

॥ दोहा ॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन
हरण भव भय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥

कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥

भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥

शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥

इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥

मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥

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एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली ।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥

॥ सोरठा ॥

जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे ॥

रचयिता: गोस्वामी तुलसीदास जी

FAQs

Q1. “श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन” भजन क्या है?

यह गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखा गया भजन है, जिसमें भगवान राम की सुंदरता, करुणा और उनके गुणों का वर्णन किया गया है। इसे सुनने या गाने से मन शांति और भक्ति से भर जाता है।

Q2. इसे क्यों गाया जाता है?

इस भजन को गाने का उद्देश्य भगवान राम की स्तुति करना और उनके प्रति भक्ति और प्रेम व्यक्त करना है। यह भजन जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाने में मदद करता है।

Q3. इसे सुनने या गाने का सही समय कौन-सा है?

इसे सुबह की प्रार्थना, पूजा, भजन संध्या या रामनवमी, जन्माष्टमी जैसी त्योहारों पर गाया जा सकता है।

Q4. इस भजन से क्या सीख मिलती है?

भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान राम हमारे दुख, भय और गलतियों को दूर करते हैं। इसके साथ ही यह मन को सच्चाई, भक्ति और प्रेम के मार्ग पर ले जाता है।

Q5. इसे कौन गा सकता है?

कोई भी व्यक्ति जो भगवान राम के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखता है, यह भजन गा सकता है। इसे बच्चों, युवाओं और बुजुर्ग सभी के लिए उपयुक्त माना जाता है।

 

 

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