भजन तो कई हैं लेकिन “सजा दो घर को गुलशन सा (Sajado Ghar Ko Gulshan Sa)” भजन जब लोगो के आंगन में और घर में सुनाई देता हैं तो एक सुन्दर और सुखद आभास होता हैं। जैसे हम प्रतीक्षा में हैं अपने प्रिय भगवान के स्वागत में। इस भजन में घर को इस तरह सजाने की बात की गयी हैं ताकि भगवान जब घर में पधारे तो उन्हें यह दिखे की उनके भक्त उनके स्वागत और प्रेम के प्रति कितनी उत्सुक हैं।
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सजा दो घर को गुलशन सा (Sajado Ghar Ko Gulshan Sa Lyrics)
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं,
मेरे सरकार आए हैं,||
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आए हैं,||
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं||
पखारो इनके चरणों को,
बहाकर प्रेम की गंगा,
बहाकर प्रेम की गंगा,||
बिछा दो अपनी पलकें,
मेरे सरकार आए हैं,||
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं||
उमड़ आई मेरी आँखें,
देखकर अपने बाबा को,
देखकर अपने बाबा को ||
हुई रोशन मेरी गलियाँ,
मेरे सरकार आए हैं ||
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं ||
तुम आकर फिर नहीं जाना,
मेरी इस सूनी दुनिया से,
मेरी इस सूनी दुनिया से ||
कहूँ हरदम यही सबसे,
मेरे सरकार आए हैं ||
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं ||
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं,
मेरे सरकार आए हैं ||
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी ||
मेरे सरकार आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आए हैं ||