Loading...
Advertisement
Ramshalaka Image

भोले बाबा, जिन्हें महादेव, शिव शंकर और नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है, सनातन धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे सृष्टि के संहारक और कल्याणकारी देवता हैं। भोलेनाथ अपने भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न होने वाले और सरल स्वभाव के लिए विख्यात हैं। उनकी आरती का गायन उनके अनुग्रह, शक्ति, और आशीर्वाद का स्मरण करते हुए किया जाता है।

भोले बाबा की आरती (Bhole Baba Ki Aarti​) उनके दिव्य स्वरूप, त्रिशूल, डमरू और गंगाधर रूप का गुणगान करती है। यह आरती शिव भक्तों के मन को भक्ति और श्रद्धा से भर देती है और जीवन में शांति, शक्ति, और सकारात्मकता का संचार करती है। शिवरात्रि, सोमवार और शिव से जुड़े त्योहारों पर उनकी आरती का विशेष महत्व है।

भोले बाबा की आरती | Bhole Baba Ki Aarti​

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

Advertisement
Ramshalaka Image

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

Advertisement
Ramshalaka Image

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

Advertisement
Ramshalaka Image

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

भोले बाबा की आरती से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: बाबा की आरती कब करनी चाहिए?

उत्तर: बाबा की आरती प्रातः और संध्या के समय करनी चाहिए। सोमवार, शिवरात्रि और श्रावण मास में आरती का विशेष महत्व होता है।

प्रश्न: बाबा की आरती का क्या महत्व है?

उत्तर: बाबा की आरती का गान भक्तों को मानसिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। यह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सरल और प्रभावी माध्यम है।

Advertisement
Ramshalaka Image

प्रश्न: बाबा की आरती में कौन-कौन से श्लोक या मंत्र गाए जाते हैं?

उत्तर: “ओम जय शिव ओंकारा” सबसे प्रसिद्ध आरती है। इसमें भगवान शिव के स्वरूप, शक्तियों और उनके आशीर्वाद की महिमा गाई जाती है।

प्रश्न: बाबा की आरती के दौरान किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है?

उत्तर: आरती के लिए दीपक, कपूर, अगरबत्ती, बेलपत्र, गंगाजल, भस्म, फूल और भगवान शिव की मूर्ति या चित्र की आवश्यकता होती है।

प्रश्न: क्या बाबा की आरती घर पर की जा सकती है?

उत्तर: हां, बाबा की आरती घर पर की जा सकती है। स्थान से अधिक श्रद्धा और भक्ति महत्वपूर्ण है।

Advertisement
Ramshalaka Image

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *