संकल्प मंत्र एक ऐसा मंत्र होता है जिसे किसी विशेष कार्य या लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मंत्र जाप से पहले किया जाता है। आज के इस लेख में आपको संकल्प मंत्र तथा संकल्प विधि के बारे में जानने को मिलेगा इसके साथ ही आप यह भी जानोगे की संकल्प मंत्र के क्या क्या लाभ है।
संकल्प मंत्र मुख्य रूप से व्यक्ति के मन को एकाग्र करता है और व्यक्ति को अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पवान बनाता है। संकल्प मंत्र का उद्देश्य व्यक्ति की ऊर्जा को एक केंद्रित दिशा में निर्देशित करना होता है। तो आइये बिना एक भी सेकंड गवाए संकल्प मंत्र के बारे में जानते है।
संकल्प मंत्र (Sankalpa Mantra)
—|| लघु संकल्प मंत्र ||—
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः अद्यैतस्य (रात मे : अस्यां रात्र्यां कहे) मासोतमे मासे ………. (2) मासे ………… (3) पक्षे ………… (4) तिथौ …………(5) वासरे ………… (6) गोत्रोत्पन्नः ………… (7) शर्माऽहं/(वर्माऽहं/गुप्तोऽहं) ममात्मनः सर्वारिष्ट निरसन पूर्वक सर्वपाप क्षयार्थं, दीर्घायु शरीरारोग्य कामनया धन-धान्य-बल-पुष्टि-कीर्ति-यश लाभार्थं, श्रुति स्मृति पुराणतन्त्रोक्त फल प्राप्तयर्थं, सकल मनोरथ सिध्यर्थं …………… (8) करिष्ये।
—|| सम्पूर्ण संकल्प मंत्र ||—
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः श्रीमद् भगवतो महापुरूषस्य,विष्णुराज्ञया प्रवर्तमानस्य अद्य (रात मे : अस्यां रात्र्यां कहे) ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीये परार्धे श्रीश्वेत वाराहकल्पे वैवस्वत मन्वन्तरे अष्टाविंशति तमे कलियुगे कलि प्रथमचरणे भारतवर्षे भरतखण्डे जम्बूद्वीपे आर्यावर्तैक देशान्तर्गते ………… (1) संवत्सरे महांमागल्यप्रद मासोतमे मासे ………. (2) मासे ………… (3) पक्षे ………… (4) तिथौ …………(5) वासरे ………… (6) गोत्रोत्पन्नः ………… (7) शर्माऽहं/(वर्माऽहं/गुप्तोऽहं) ममात्मनः श्रुति स्मृति पुराणतन्त्रोक्त फलप्राप्तये ग्रहदोष, दैहिक, दैविक, भौतिक – त्रिविध ताप निवार्णार्थं सर्वारिष्ट निरसन पूर्वक सर्वपाप क्षयार्थं मनसेप्सित फल प्राप्ति पूर्वक, दीर्घायु शरीरारोग्य कामनया धन-धान्य-बल-पुष्टि-कीर्ति-यश लाभार्थं, सकल आधि, व्याधि, दोष परिहार्थं सकल मनोरथ सिध्यर्थं …………… (8) करिष्ये।
(1) संवत्सर का नाम, (2) महीने का नाम, (3) पक्ष का नाम, (4) तिथि का नाम, (5) दिन का नाम, (6) अपने गोत्र का नाम, (7) ब्राह्मण शर्माऽहं, क्षत्रिय वर्माऽहं, वैश्य गुप्तोऽहं और शूद्र दासोऽहं कहें, (8) कर्म पूजा/जपादि करना हो उसका उच्चारण।
संकल्प विधि
संकल्प मंत्र का जाप भक्त को शांत वातावरण में बैठ कर करना चाहिए और व्यक्ति का मन शुद्ध होना चाहिए। इसके बाद व्यक्ति का स्पष्ट उद्देश्य होना चाहिए और व्यक्ति पूर्व दिशा की ओर मुख करके किसी भी आसन में बैठकर मंत्र को 21, 54, 108 या अपनी इच्छानुसार किसी भी संख्या में जप कर सकते हैं।
संकल्प मंत्र के लाभ
संकल्प मंत्र का जाप व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण करने में मदद करता है। इसके जाप से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है, मन शांत होता है, और यह मंत्र व्यक्ति को सफलता दिलाता है। अगर आप भी अपनी कोई विशेष मनोकामनाएं पूर्ण करना चाहते हो तोह आप संकल्प मंत्र का जाप कर सकते हो।
Sankalpa Mantra PDF
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