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हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वप्रथम पूजे जाने वाले भगवान है। गणेश जी को सिद्धिविनायक नाम से भी जाना जाता है जिनकी पूजा के बिना कोई काम संपन्न नहीं होता है । तो आज के इस लेख में हम गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गणेश गायत्री मंत्र तथा इसके लाभ के बारे में जानेंगे।

गणेश गायत्री मंत्र भगवान गणेश को समर्पित एक शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र है। यह मंत्र भक्तों को गणेश जी की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का नियमित जाप करने से भक्त को बुद्धि, विवेक और सफलता प्राप्त होती है।

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गणेश गायत्री मंत्र (Ganesh Gayatri Mantra)

—|| गणेश गायत्री मंत्र ||—

एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।१।।

महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।२।।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।३।।

गणेश गायत्री मंत्र का हिंदी अर्थ

हम एकदंत (गणेश जी) का ध्यान करते हैं, जो वक्रतुण्ड हैं। वे हमें आशीर्वाद दें।
हम महाकर्ण का ध्यान करते हैं, जो वक्रतुण्ड हैं। वे हमें आशीर्वाद दें।
हम गजानन का ध्यान करते हैं, जो वक्रतुण्ड हैं। हमें आशीर्वाद दे ।

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मंत्र का जाप

आप गणेश गायत्री मंत्र का जाप किसी भी समय कर सकते हैं लेकिन सुबह के समय इसका जाप करना अधिक फलदायी होता है। आप इस मंत्र का जाप बैठकर या खड़े होकर कर सकते हैं। मंत्र का जाप करते समय ध्यान रखें कि आपका मन मंत्र पर केंद्रित रहे। इसके अलावा आप गणेश गायत्री मंत्र का जाप 108 बार या अपनी इच्छानुसार कर सकते हैं।

गणेश गायत्री मंत्र के महत्व

गणेश गायत्री मंत्र के जाप से भक्त को भगवान श्री गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। यह मंत्र भक्त के सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करने में मदद करता है, यह मंत्र मन को शांत और स्थिर रखता है और इससे भक्त की बुद्धि और विवेक बढ़ता है। इसके साथ ही यह मंत्र भक्त के सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने में भी मदद करता है।

Ganesh Gayatri Mantra PDF

हमने आपके लिए श्री गणेश गायत्री मंत्र की PDF तैयार की है। आप इस PDF को हमारे द्वारा पा सकते है और नियमित रूप से गणेश गायत्री मंत्र का जाप करके अपने जीवन के सभी विघ्न दूर कर सकते है और जीवन में शांति तथा उन्नति पा सकते है।

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