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भगवान गणेश जी सभी भक्तों के प्रिय है और उन्हें विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है की जिस भक्त पर भगवान गणेश जी की कृपा रहती है उस पर कोई भी संकट, परेशानी, दुःख, तकलीफ नहीं आती है और वह जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति करता है।

तो आइये इस लेख में हम श्री गणेश कवच के बारे में जानते है जो की एक शक्तिशाली स्तोत्र और मंत्र है जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह कवच सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।

इस लेख में आगे बढ़ने से पहले हमने अपने पिछले लेखो में कई प्रमुख कवच का वर्णन किया है आप उन्हें भी देख सकते है जैसे सूर्य कवच, माता बगलामुखी कवच, काल भैरव कवच, नारायण कवच और मंगल कवच

श्री गणेश कवच

—|| गौर्युवाच ||—

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एषोऽतिचपलो दैत्यान्बाल्येऽपि नाशयत्यहो ।
अग्रे किं कर्म कर्तेति न जाने मुनिसत्तम ।।-१

दैत्या नानाविधा दुष्टा: साधुदेवद्रुह: खला: ।
अतोऽस्य कण्ठे किंचित्त्वं रक्षार्थं बद्धुमर्हसि ।।-२

—|| मुनिरुवाच ||—

ध्यायेत्सिंहगतं विनायकममुं दिग्बाहुमाद्यं युगे त्रेतायां तु मयूरवाहनममुं षड्बाहुकं सिद्धिदम् ।
द्वापरे तु गजाननं युगभुजं रक्तांगरागं विभुं तुर्ये तु द्विभुजं सितांगरूचिरं सर्वार्थदं सर्वदा ।।-१

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विनायक: शिखां पातु परमात्मा परात्पर: ।
अतिसुंदरकायस्तु मस्तकं सुमहोत्कट: ।।-२

ललाटं कश्यप: पातु भ्रूयुगं तु महोदर: ।
नयने भालचन्द्रस्तु गजास्यस्तवोष्ठपल्लवौ ।।-३

जिह्वां पातु गणाक्रीडश्रिचबुकं गिरिजासुत: ।
पादं विनायक: पातु दन्तान् रक्षतु दुर्मुख: ।।-४

श्रवणौ पाशपाणिस्तु नासिकां चिंतितार्थद: ।
गणेशस्तु मुखं कंठं पातु देवो गणञज्य: ।।-५

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स्कंधौ पातु गजस्कन्ध: स्तनौ विघ्नविनाशन: ।
ह्रदयं गणनाथस्तु हेरंबो जठरं महान् ।।-६

धराधर: पातु पाश्र्वौ पृष्ठं विघ्नहर: शुभ: ।
लिंगं गुज्झं सदा पातु वक्रतुन्ड़ो महाबल: ।।-७

गणाक्रीडो जानुजंघे ऊरू मंगलमूर्तिमान् ।
एकदंतो महाबुद्धि: पादौ गुल्फौ सदाऽवतु ।।-८

क्षिप्रप्रसादनो बाहू पाणी आशाप्रपूरक: ।
अंगुलीश्च नखान्पातु पद्महस्तोऽरिनाशन ।।-९

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सर्वांगनि मयूरेशो विश्र्वव्यापी सदाऽवतु ।
अनुक्तमपि यत्स्थानं धूम्रकेतु: सदाऽवतु ।।-१०

आमोदस्त्वग्रत: पातु प्रमोद: पृष्ठतोऽवतु ।
प्राच्यां रक्षतु बुद्धीश आग्नेय्यां सिद्धिदायक: ।।-११

दक्षिणस्यामुमापुत्रो नैर्ऋत्यां तु गणेश्वर: ।
प्रतीच्यां विघ्नहर्ताऽव्याद्वायव्यां गजगर्णक: ।।-१२

कौबेर्यां निधिप: पायादीशान्यामीशनन्दन: ।
दिवोऽव्यादेलनन्दस्तु रात्रौ संध्यासु विघ्नह्रत् ।।-१३

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राक्षसासुरवेतालग्रहभूतपिशाचत: पाशांकुशधर:
पातु रज:सत्त्वतम:स्मृति: ।।-१४

ज्ञानं धर्मं च लक्ष्मीं च लज्जां कीर्तिं तथा कुलम् ।
वपुर्धनं च धान्यश्र्च ग्रहदारान्सुतान्सखीन् ।।-१५

सर्वायुधधर: पौत्रान्मयूरेशोऽवतात्सदा ।
कपिलोऽजाबिकं पातु गजाश्रवान्विकटोऽवतु ।।-१६

भूर्जपत्रे लिखित्वेदं य: कण्ठेधारयेत्सुधी: ।
न भयं जायते तस्य यक्षरक्ष:पिशाचत: ।।-१७

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त्रिसंध्यं जपते यस्तु वज्रसारतनुर्भवेत् ।
यात्राकाले पठेद्यस्तु निर्विघ्नेन फलं लभेत् ।।-१८

युद्धकाले पठेद्यस्तु विजयं चाप्नुयाद्ध्रुवम् ।
मारणोच्चटनाकर्षस्तंभमोहनकर्मणि ।।-१९

सप्तवारं जपेदेतद्दिननामेकविशतिम ।
तत्तत्फलमवाप्नोति साधको नात्र संशय: ।।-२०

एकविंशतिवारं च पठेत्तावद्दिनानि य: ।
काराग्रहगतं सद्यो राज्ञा वध्यं च मोचयेत् ।।-२१

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राजदर्शनवेलायां पठेदेतत्तत्त्रिवारत: ।
स राजानं वशं नीत्वा प्रक्रतीश्र्च सभां जयेत् ।।-२२

इदं गणेशकवचं कश्यपेन समीरितम् ।
मुद्गलाय च तेनाथ मांडव्याय महर्षये ।।-२३

मज्झं स प्राह कृपया कवचं सर्वसिद्धिदम् ।
न देयं भक्तिहीनाय देयं श्रद्धावते शुभम् ।।-२४

अनेनास्य कृता रक्षा न बाधाऽस्य भवेत्कचित् ।
राक्षसासुरवेतालदैत्यदानवसंभवा ।।-२५

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कैसे करें श्री गणेश कवच का पाठ

अगर आप भगवान गणेश जी में श्रद्धा रखते है और अपने जीवन में चमत्कारी बदलाव लाना चाहते है तोह आपको श्री गणेश कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए।

गणेश कवच का पाठ करने से पहले स्नान करके अपने शरीर को शुद्ध कर लीजिये। आप प्रातःकाल का समय चुन सकते है कवच का पाठ करने के लिए। इसमें आप गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।

पाठ करते समय आपके मन में गणेश जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति भाव होना चाहिए। आप पाठ करने से कुछ समय पहले ध्यान कर सकते है जिस से आपका मन शांत रहे। और कवच का पाठ आप ध्यानपूर्वक और स्पष्ट उच्चारण के साथ करे।

श्री गणेश कवच पाठ के लाभ

अगर आप जानना चाहते है की श्री गणेश कवच का पाठ करने से आपके जीवन में क्या बदलाव आ सकते है तोह आइये हम आपको इस कवच के पाठ करने के लाभ बताते है।

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श्री गणेश कवच का पाठ करने से भक्त के जीवन के सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं और उसे व्यापार, करियर और जीवन के अन्य क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। भक्त का बुद्धि और विवेक बढ़ता है और इसके साथ ही भक्त का मन को शांत रहता है।

Shree Ganesh Kavach PDF

अगर आप नियमित रूप से श्री गणेश कवच का पाठ करना चाहते हे तोह इसके लिए आप कवच की PDF को डाउनलोड कर सकते हो। हमने आपके लिए एक हाई क्वालिटी गणेश कवच की PDF को तैयार किया है जिस से आप भक्ति पूर्वक आसानी से कवच का पाठ कर सकते हो और भगवान विघ्नहर्ता गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हो।

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