मां शीतला को हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवी के रूप में जाना जाता हैं उन्हें विशेष रूप से रोगों की मुक्ति के लिए पूजा जाता है। भारत में जब कोई भी व्यक्ति चेचक, खसरा और अन्य बुखार जैसी बीमारियों से पीड़ित होता है तब वह मां शीतला देवी से आशीर्वाद और ठीक होने की प्रार्थना करता है।
आइये इस लेख में हम मां शीतला चालीसा के बारे में जानते है और साथ में यह भी जानते है की माता की पूजा कब करनी चाहिए तथा शीतला सप्तमी और अष्टमी के दिन का क्या महत्त्व है। इस लेख में आगे जाने से पहले आप कई अन्य चालीसा भी देख सकते है जैसे श्री राधा चालीसा, मां बगलामुखी चालीसा, नैना देवी चालीसा, मां शाकंभरी देवी चालीसा, और कैला देवी चालीसा।
मां शीतला चालीसा (Sheetla Chalisa)
—॥ दोहा॥—
जय जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान।
होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान।_१
घट -घट वासी शीतला, शीतल प्रभा तुम्हार।
शीतल छइयां में झुलई, मइयां पलना डार।_२
—॥ चौपाई ॥—
जय-जय- जय श्री शीतला भवानी। जय जग जननि सकल गुणखानी।
गृह -गृह शक्ति तुम्हारी राजित। पूरण शरदचंद्र समसाजित।।१।।
विस्फोटक से जलत शरीरा, शीतल करत हरत सब पीड़ा।
मात शीतला तव शुभनामा। सबके गाढे आवहिं कामा।।२।।
शोकहरी शंकरी भवानी। बाल-प्राणक्षरी सुख दानी।
शुचि मार्जनी कलश करराजै। मस्तक तेज सूर्य समराजै।।३।।
चौसठ योगिन संग में गावैं। वीणा ताल मृदंग बजावै।
नृत्य नाथ भैरौं दिखलावैं। सहज शेष शिव पार ना पावैं।।४।।
धन्य धन्य धात्री महारानी। सुरनर मुनि तब सुयश बखानी।
ज्वाला रूप महा बलकारी। दैत्य एक विस्फोटक भारी।।५।।
घर घर प्रविशत कोई न रक्षत। रोग रूप धरी बालक भक्षत।
हाहाकार मच्यो जगभारी। सक्यो न जब संकट टारी।।६।।
तब मैंय्या धरि अद्भुत रूपा। कर में लिये मार्जनी सूपा।
विस्फोटकहिं पकड़ि कर लीन्हो। मूसल प्रमाण बहुविधि कीन्हो।।७।।
बहुत प्रकार वह विनती कीन्हा। मैय्या नहीं भल मैं कछु कीन्हा।
अबनहिं मातु काहुगृह जइहौं। जहँ अपवित्र वही घर रहि हो।।८।।
भभकत तन शीतल भय जइहौं। विस्फोटक भय घोर नसइहौं ।
श्री शीतलहिं भजे कल्याना। वचन सत्य भाषे भगवाना।।९।।
विस्फोटक भय जिहि गृह भाई। भजै देवि कहँ यही उपाई।
कलश शीतलाका सजवावै। द्विज से विधीवत पाठ करावै।।१०।।
तुम्हीं शीतला, जगकी माता। तुम्हीं पिता जग की सुखदाता।
तुम्हीं जगद्धात्री सुखसेवी। नमो नमामी शीतले देवी।।११।।
नमो सुखकरनी दु:खहरणी। नमो- नमो जगतारणि धरणी।
नमो नमो त्रलोक्य वंदिनी। दुखदारिद्रक निकंदिनी।।१२।।
श्री शीतला , शेढ़ला, महला। रुणलीहृणनी मातृ मंदला।
हो तुम दिगम्बर तनुधारी। शोभित पंचनाम असवारी।।१३।।
रासभ, खर , बैसाख सुनंदन। गर्दभ दुर्वाकंद निकंदन।
सुमिरत संग शीतला माई, जाही सकल सुख दूर पराई।।१४।।
गलका, गलगन्डादि जुहोई। ताकर मंत्र न औषधि कोई।
एक मातु जी का आराधन। और नहिं कोई है साधन।।१५।।
निश्चय मातु शरण जो आवै। निर्भय मन इच्छित फल पावै।
कोढी, निर्मल काया धारै। अंधा, दृग निज दृष्टि निहारै।।१६।।
बंध्या नारी पुत्र को पावै। जन्म दरिद्र धनी होइ जावै।
मातु शीतला के गुण गावत। लखा मूक को छंद बनावत।।१७।।
यामे कोई करै जनि शंका। जग मे मैया का ही डंका।
भगत ‘कमल’ प्रभुदासा। तट प्रयाग से पूरब पासा।।१८।।
ग्राम तिवारी पूर मम बासा। ककरा गंगा तट दुर्वासा ।
अब विलंब मैं तोहि पुकारत। मातृ कृपा कौ बाट निहारत।।१९।।
पड़ा द्वार सब आस लगाई। अब सुधि लेत शीतला माई।।२०।।
—॥ दोहा॥—
यह चालीसा शीतला पाठ करे जो कोय।
सपनें दुख व्यापे नही नित सब मंगल होय।___१
बुझे सहस्र विक्रमी शुक्ल भाल भल किंतू।
जग जननी का ये चरित रचित भक्ति रस बिंतू।___२
॥ इति शीतला चालीसा ॥
शीतला चालीसा का महत्व
मां शीतला चालीसा पाठ से भक्त को जीवन में कई रोगो से मुक्ति मिलती है। भक्त का चेचक, खसरा, बुखार जैसी अन्य बीमारियों से बचाव होता है। शीतला माता को शांति और शीतलता की देवी के रूप में पूजा जाता है। भारत में शीतला माता के कई प्रमुख मंदिर हैं और इन मंदिरों में भक्त की बड़ी संख्या में भीड़ आती हैं और भक्त माता से प्रार्थना करते हैं।
भक्त मां शीतला चालीसा का पाठ जब जीवन में मुख्य रूप से कोई बीमारी आ गयी हो तथा जीवन में परेशानिया हो तब करते है। हिन्दू धर्म में शीतला अष्टमी को एक महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाया जाता है जहा भक्त इस दिन व्रत रखते हैं, शीतला माता की पूजा करते है, ठंडे व्यंजन बनाते हैं और माता को भोग लगाते है।
शीतला माता की कथाएं
शीतला माता के बारे में कई कथाएं प्रचलित है जिसमे से एक यह है की वे भगवान शिव की शक्ति हैं। कई कथाओं में उन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की संयुक्त शक्ति के रूप में भी वर्णित किया गया है।
एक प्रचलित कथा के अनुसार जब पृथ्वी पर कई बीमारियां फैल गयी थीं तब देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की इसके बाद भगवान शिव ने शीतला माता को प्रकट किया और उन्होंने बीमारियों से भक्तो को मुक्ति दिलाई।
Sheetla Chalisa PDF
अगर आप मां शीतला देवी के भक्त हो और आप चालीसा का पाठ करना चाहते हो तोह हमने आपके लिए मां शीतला चालीसा की PDF को तैयार किया है। इस PDF में आपको मां शीतला चालीसा, शीतला माता के भजन, मंत्र, प्रमुख शल्को के अर्थ जानने को मिलेंगे।
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