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अगर आपको भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाएं पसंद है तो आपको दामोदर स्तुति का पाठ अवश्य करना चाहिए। दामोदर स्तुति भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप का एक अत्यंत सुंदर और भावपूर्ण वर्णन है। इसमें बाल गोपाल की माखन चोरी, मुरली बजाने और अन्य लीलाओं का मनोहारी गुण गान किया गया है।

इसमें विशेष रूप से जब माता यशोदा ने श्री कृष्ण को बाँधा था उसका वर्णन हे। यह स्तुति उनके नाम दामोदर से जुड़ी है जहाँ दाम का अर्थ है रस्सी और उदर का अर्थ है पेट। इस स्तुति के पाठ से भक्त भगवान श्रीकृष्ण की करुणा, प्रेम, और शरण में आने का अनुभव करते हैं।

दामोदर स्तुति (Damodar Stuti)

करारविन्देन पदारविन्दं मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम्,
वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि ||१||

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव,
जिव्हे पिबस्वामृतमेतदेव गोविन्द दामोदर माधवेति ||२||

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विक्रेतुकामा किल गोपकन्या मुरारिपादार्पितचित्तवृत्ति:,
दध्यादिकं मोहवशादवोचद् गोविन्द दामोदर माधवेति ||३||

गृहे गृहे गोपवधूकदम्बा: सर्वे मिलित्वा समवाप्य योगम्,
पुण्यानि नामानि पठन्ति नित्यं गोविन्द दामोदर माधवेति ||४||

सुखं शयाना निलये निजेऽपि नामानि विष्णो: प्रवदन्ति मर्त्या,
ते निश्चितं तन्मयतां व्रजन्ति गोविन्द दामोदर माधवेति ||५||

जिव्हे सदैवं भज सुन्दराणि नामानि कृष्णस्य मनोहराणि,
समस्त भक्तार्ति विनाशनानि गोविन्द दामोदर माधवेति ||६||

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सुखावसाने इदमेव सारं दु:खावसाने इदमेव ज्ञेयम्,
देहावसाने इदमेव जाप्यं गोविन्द दामोदर माधवेति ||७||

श्रीकृष्ण राधावर गोकुलेश गोपाल गोवर्धन नाथ विष्णुः,
जिव्हे पिबस्वा मृतमेतदेव गोविंद दामोदर माधवेति ||८||

जिव्हे रसज्ञे मधुर प्रिया त्वं सत्यं हितं त्वां परमं वदामि,
अवर्णयेथा मधुराक्षराणि गोविन्द दामोदर माधवेति ||९||

त्वामेव याचे मम देहि जिह्वे समागते दण्डधरे कृतान्ते,
वक्तव्यमेवं मधुरं सुभक्त्या गोविन्द दामोदर माधवेति ||१०||

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श्रीनाथ विश्वेश्वर विश्व मूर्ते श्री देवकी नंदन दैत्य शत्रु ,
जिव्हे पिबस्वामृतमेतेव गोविंद दामोदर माधवेति ||११||

गोपी पते कंसरिपो मुकुंद लक्ष्मी पते केशव वासुदेव
जिव्हे पिबस्वामृतमेतेव गोविंद दामोदर माधवेति ||१२||

दामोदर स्तुति के लाभ

दामोदर स्तुति का पाठ भक्तों को भगवान कृष्ण के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव पाने में मदद करती है। इसके पाठ से भक्त का मन शांत होता है और वह तनाव मुक्त होता है। इसके नियमित रूप से पाठ करने पर भक्त का आध्यात्मिक विकास होता है और उस पर सदा भगवान श्री कृष्ण की कृपा बानी रहती है।

अगर आप नियमित रूप से दामोदर स्तुति का पाठ करना चाहते हे तो इसके लिए आप शांत वातावरण चुने। भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर या खड़े होकर दामोदर स्तुति का पाठ करे। आप स्तुति का पाठ करते समय भगवान कृष्ण के बाल रूप की कल्पना करें और उनके प्रति प्रेम और भक्ति की भावना जागृत करें।

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यह भी देखे –

Damodar Stuti PDF

नियमित रूप से दामोदर स्तुति का पाठ करने के लिए आप दामोदर स्तुति की PDF को डाउनलोड कर सकते है। इस PDF को आप हमारे द्वारा पा सकते है और प्रतिदिन दामोदर स्तुति का पाठ करके भगवान श्री कृष्ण की कृपा पा सकते है।

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