हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को एक महत्वपूर्ण गृह माना गया हैं। जब किसी व्यक्ति के जीवन में मंगल की दशा बिगड़ जाती हैं जो व्यक्ति को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। मंगल दोष भी इसी का एक कारण हैं। लेकिन अगर एक व्यक्ति जिसके जीवन में मंगल दोष लग चूका हैं अगर वो नियमित रूप से मंगल कवच (Mangal Kavach) का जाप करते हैं तो इससे मंगल दोष खत्म हो सकता हैं।

ऐसे कई लोग हैं जिनके विवाह में देरी हो रही हैं और कुंडली में मांगलिक दोष भी हैं। तो हर मंगलवार को मंगल कवच का जाप करने से सभी दोष हट सकते हैं।

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मंगल कवच (Mangal Kavach)

|| अथ मंगल कवचम् ||

अस्य श्री मंगलकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः।
अनुष्टुप् छन्दः। अङ्गारको देवता।
भौम पीड़ा परिहारार्थं जपे विनियोगः।

रक्तांबरो रक्तवपुः किरीटी चतुर्भुजो मेषगमो गदाभृत्।
धरासुतः शक्तिधरश्च शूली सदा ममस्याद्वरदः प्रशांतः ॥

अंगारकः शिरो रक्षेन्मुखं वै धरणीसुतः।
श्रवणौ रक्तांबरः पातु नेत्रे मे रक्तलोचनः ॥

नासां शक्तिधरः पातु मुखं मे रक्तलोचनः।
भुजौ मे रक्तमाली च हस्तौ शक्तिधरस्तथा ॥

वक्षः पातु वरांगश्च हृदयं पातु लोहितः।
कटिं मे ग्रहराजश्च मुखं चैव धरासुतः ॥

जानुजंघे कुजः पातु पादौ भक्तप्रियः सदा।
सर्वण्यन्यानि चांगानि रक्षेन्मे मेषवाहनः ॥

या इदं कवचं दिव्यं सर्वशत्रु निवारणम्।
भूतप्रेतपिशाचानां नाशनं सर्व सिद्धिदम् ॥

सर्वरोगहरं चैव सर्वसंपत्प्रदं शुभम्।
भुक्तिमुक्तिप्रदं नृणां सर्वसौभाग्यवर्धनम्।
रोगबंधनविमोक्षं च सत्यमेतन्न संशयः ॥

॥ इति श्रीमार्कण्डेयपुराणे मंगलकवचं संपूर्णं ॥

मंगल दोष मुक्ति मंत्र

''ॐ अं अंगारकाय नमः।
ॐ भौं भौमाय नमः।''

''ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गरुडानना।
मं मं मं मं मं सकल विषहराय स्वाहा।''

''ॐ हां हंसः खं खः
ॐ हूं श्रीं मंगलाय नमः।
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।''

मंगल कवच के लाभ

वे लोग जिनके जीवन में मंगल ग्रह के दोष की वजह से परेशानियां आ रही है और अगर वे मंगल कवच का जाप नियमित रूप से करें तो उन्हें कई प्रकार के लाभ मिलते हैं।

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