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भगवान विष्णु जिन्हे त्रिदेवो में से एक माना जाता हैं, जिन्होंने अब तक 9 अवतार लेकर धर्म और ज्ञान का पाठ पढ़ाया हैं। अगर आप भगवान को याद करना चाहते हैं या फिर इनकी भक्ति करना चाहते हैं तो आपको श्री विष्णु स्तुति (Vishnu Stuti) का पाठ जरूर करना चाहिए।

श्री विष्णु स्तुति का पाठ आप किसी भी दिन कर सकते हैं लेकिन इस स्तुति का पाठ विशेषकर त्योहारों पर किया जाता हैं जैसे दिवाली, एकादशी, अक्षय तृतीया, कृष्ण जन्माष्टमी, व राम नवमी को। पूर्णिमा के दिन भी आप इस स्तुति के श्लोक का पाठ कर सकते हैं इस दिन आपको इस स्तुति का अधिक लाभ मिलेगा।

श्री विष्णु स्तुति (Shree Vishnu Stuti)

|| विष्णु स्तुति ||

शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।।

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यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:।
सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:।
ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो
यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:।।

श्री विष्णु स्तुति के लाभ

  • मन की शांति: अगर आपके मन में किसी चीज़ या फिर किसी बात को लेकर तनाव हैं और आप परेशान रहते हैं तो इस स्तुति का जाप करने से मन को शांति मिलेगी।
  • मनोकामनाएं पूरी होना: अगर आप अपनी मनोकामना को पूरा करना चाहते हैं तो भगवान विष्णु की स्तुति का पाठ जरूर करे इसे आपको लाभ जरूर मिलेगा।
  • आशीर्वाद प्राप्त करना: भगवान की स्तुति का निरंतर पाठ करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं आपके जीवन में सुख-समृद्धि का विकास होता हैं। और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का भी विकास होता हैं।
  • भक्ति भाव बढ़ाना: वे भक्त जो भगवान से प्रेम करते हैं और अपने प्रेम को व्यक्त करना चाहते हैं उन्हें इस स्तुति का पाठ जरूर करना चाहिए।

विष्णु स्तुति कैसे करें?

अगर आप भगवान विष्णु की स्तुति करना चाहते हैं तो स्तुति का पाठ शुरू करने से पहले आपको आपके मन को शुद्ध रखना होगा। फिर आपको एक शांत वातावरण में बैठना होगा। पाठ करते समय किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो आपके हाथ में एक माला होनी चाहिए ताकि पाठ का जाप करते समय आप उसका उपयोग कर सके। अब आपको भगवान की स्तुति का पाठ शुरू करना है।

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