“राम को देखकर श्री जनक नंदिनी (Ram Ko Dekh Kar Janak Nandini)” भजन में माता सीता की भावनाओ का वर्णन किया गया हैं जिसमे बताया गया हैं की माता सीता ने जब भगवान राम को देखा था तब उन्हें कैसा लगा और उनके मन में क्या भाव उत्पन हुए।
अगर आप माता रानी के भक्त हैं तो यह भजन आपके लिए हैं। चलो बुलावा आया है।
राम को देखकर श्री जनक नंदिनी (Lyrics)
राम को देखकर श्री जनक-नंदिनी,
राम को देखकर श्री जनक-नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गईं,
राम देखें सिया, माँ सिया राम को,
चार अँखियाँ लड़ी की लड़ी रह गईं,
राम को देखकर श्री जनक-नंदिनी।
थे जनकपुर गए देखने के लिए,
सारी सखियाँ झरोखन से झाँकन लगीं,
देखते ही नजर मिल गई दोनों की,
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गईं,
राम को देखकर श्री जनक-नंदिनी। १
बोली है इक सखी राम को देखकर,
रच दिए हैं विधाता ने जोड़ी सुघड़,
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुंवर,
मन में शंका बनी की बनी रह गई,
राम को देखकर श्री जनक-नंदिनी। २
बोली दूजी सखी छोटे देखन में हैं,
पर चमत्कार इनका नहीं जानती,
एक ही बाण में ताड़का राक्षसी,
उठ सकी न पड़ी की पड़ी रह गई,
राम को देखकर श्री जनक-नंदिनी। ३
राम को देखकर श्री जनक-नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गईं,
राम देखें सिया, माँ सिया राम को,
चार अँखियाँ लड़ी की लड़ी रह गईं।
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