भक्ति की दुनिया में जब प्रेम अपनी चरम सीमा पर पहुँचता है, तब शब्द भी भाव बन जाते हैं। “लगन तुमसे लगा बैठे” ऐसा ही एक भक्तिमय गीत है जो ईश्वर के प्रति अटूट प्रेम, समर्पण और निडर भक्ति को दर्शाता है। इस भजन में एक भक्त अपने प्रभु से इतनी गहराई से जुड़ जाता है कि अब उसे संसार की परवाह नहीं — जो होगा, देखा जाएगा।
यह गीत हमें यह सिखाता है कि जब मन सच्चे प्रेम से प्रभु को स्वीकार करता है, तो भय, शर्म और संकोच सब मिट जाते हैं। “लगन तुमसे लगा बैठे” सिर्फ एक भजन नहीं, बल्कि एक आत्मिक अनुभव है जो हृदय को भक्ति के भाव से भर देता है।
लगन तुमसे लगा बैठे
लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा, तुम्हें अपने बना बैठे, जो होगा देखा जाएगा॥
कभी दुनिया से डरते थे, छुप-छुप याद करते थे, लो अब पर्दा उठा बैठे, जो होगा देखा जाएगा॥
लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा, तुम्हें अपने बना बैठे, जो होगा देखा जाएगा॥
कभी यह ख़्याल था दुनिया, हमें बदनाम कर देगी, शर्म अब बेच खा बैठे, जो होगा देखा जाएगा॥
लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा, तुम्हें अपने बना बैठे, जो होगा देखा जाएगा॥
FAQs – लगन तुमसे लगा बैठे
Q1. “लगन तुमसे लगा बैठे” भजन का अर्थ क्या है?
इस भजन का अर्थ है कि जब एक भक्त अपने ईश्वर से सच्चा प्रेम कर लेता है, तो वह हर भय और संकोच से मुक्त हो जाता है। उसे सिर्फ अपने भगवान का साथ चाहिए, बाकी सब कुछ वह प्रभु पर छोड़ देता है।
Q2. यह भजन किस भाव में लिखा गया है?
यह भजन भक्ति और प्रेम के भाव में लिखा गया है। इसमें एक भक्त का अपने ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण और निडर विश्वास व्यक्त होता है – “जो होगा देखा जाएगा” इसी भावना को दर्शाता है।
Q3. “लगन तुमसे लगा बैठे” भजन को कौन गा सकता है?
यह भजन कोई भी गा सकता है जो भगवान से प्रेम करता है। चाहे वह राम भक्त हो, कृष्ण प्रेमी हो या किसी अन्य रूप में ईश्वर की उपासना करता हो।
Q4. इस भजन को सुनने या गाने का सही समय कौन-सा है?
इसे सुबह की प्रार्थना, संध्या आरती या किसी भी भजन संध्या में गाया जा सकता है। यह मन को शांत करता है और भक्ति की भावना को गहरा बनाता है।
Q5. “लगन तुमसे लगा बैठे” भजन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
यह भजन हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति में कोई भय या दिखावा नहीं होता। जब मन पूरी श्रद्धा से ईश्वर में लग जाता है, तब जीवन के सभी दुःख, भय और भ्रम मिट जाते हैं।