क्या आप जीवन में अज्ञात भय, शत्रुओं की बाधा या न्यायालय के मामलों से परेशान हैं? क्या अथक परिश्रम करने के बाद भी सफलता आपसे दूर है?
सनातन धर्म में एक ऐसे देवता हैं जो 'काल' (समय) को भी अपने अधीन रखते हैं। वे हैं भगवान काल भैरव। उन्हें 'काशी का कोतवाल' भी कहा जाता है।
आज के इस लेख में हम जानेंगे काल भैरव के शक्तिशाली मंत्र, उनके इतिहास और साधना की सही विधि के बारे में।
1. कौन हैं काल भैरव? (इतिहास और उत्पत्ति)
भगवान काल भैरव का इतिहास अत्यंत रोचक है। शिव महापुराण के अनुसार, काल भैरव का जन्म भगवान शिव के क्रोध से हुआ था।
पौराणिक कथा: एक बार ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु के बीच "कौन श्रेष्ठ है?" इस बात को लेकर विवाद हो गया। इस दौरान ब्रह्मा जी के पांचवें मुख ने भगवान शिव के प्रति कुछ अपमानजनक शब्द कहे।
भगवान शिव ने उस अहंकार को नष्ट करने के लिए अपने तेज से 'काल भैरव' को प्रकट किया। काल भैरव ने क्रोध में आकर ब्रह्मा जी का वह पांचवां सिर काट दिया। इस कारण उन्हें 'ब्रह्महत्या' का पाप लगा। इस पाप से मुक्ति पाने के लिए वे तीनों लोकों में भिक्षा मांगते हुए घूमे। अंत में, जैसे ही उन्होंने काशी (वाराणसी) में प्रवेश किया, उन्हें पाप से मुक्ति मिल गई।
तब से वे काशी में ही विराजमान हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
2. शक्तिशाली काल भैरव मंत्र
काल भैरव की साधना के लिए आप नीचे दिए गए मंत्रों में से किसी एक का चयन कर सकते हैं। उच्चारण शुद्ध रखें।
(क) सामान्य मंत्र
यह मंत्र दैनिक पूजा और स्मरण के लिए सर्वोत्तम है।
ॐ कालभैरवाय नमः
(ख) बीज मंत्र
यह मंत्र शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है।
ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्
(ग) भैरव गायत्री मंत्र
मानसिक शांति और ज्ञान के लिए इस मंत्र का जाप करें।
ॐ कालाकालाय विद्महे, कालातीताय धीमहि, तन्नो काल भैरव प्रचोदयात्।
3. काल भैरव मंत्र का जाप क्यों करना चाहिए?
बहुत से लोग भैरव नाम सुनकर भयभीत हो जाते हैं, लेकिन वास्तव में वे "भय+रव" हैं, अर्थात जो 'भय' का नाश करते हैं। वे अपने भक्तों के लिए दयालु और शत्रुओं के लिए कठोर हैं।
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आपको यह मंत्र जपना चाहिए यदि:
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आपकी कुंडली में राहु-केतु पीड़ा दे रहे हैं।
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आपको बुरे स्वप्न आते हैं या भूत-प्रेत का डर लगता है।
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आपके पीछे गुप्त शत्रु पड़े हैं।
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जीवन में बार-बार रुकावटें आ रही हैं।
4. काल भैरव मंत्र के लाभ
नियमित रूप से और सही विधि से जाप करने पर आपको निम्नलिखित चमत्कारिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं:
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भय से मुक्ति: यह मंत्र आत्मविश्वास बढ़ाता है और मृत्यु के भय को भी दूर करता है। साधक निडर बनता है।
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सुरक्षा कवच: यह मंत्र आपके और आपके परिवार के चारों ओर एक अदृश्य सुरक्षा घेरा बनाता है, जिससे बुरी नजर या तंत्र-मंत्र का प्रभाव नहीं होता।
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मुकदमों में विजय: न्यायालय के मामलों या वाद-विवाद में फंसे लोगों के लिए काल भैरव की उपासना रामबाण मानी जाती है।
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रोग निवारण: लंबी बीमारियों और शारीरिक कष्टों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
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ग्रह शांति: शनि और राहु के प्रकोप को शांत करने के लिए यह सबसे शीघ्र फल देने वाला उपाय है।
5. साधना कैसे करें? (विधि)
काल भैरव एक उग्र देवता हैं, इसलिए इनकी पूजा में अनुशासन बहुत अनिवार्य है।
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दिन: रविवार या मंगलवार। कालाष्टमी का दिन सबसे शुभ होता है।
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समय: सूर्यास्त के बाद या रात्रि का समय (प्रदोष काल)।
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दिशा: दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठें (क्योंकि वे दक्षिण दिशा के स्वामी हैं)।
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दीपक: सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं।
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माला: रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें।
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भोग: इमरती, जलेबी या उड़द की दाल के बड़े।
विशेष नियम:
भगवान काल भैरव का वाहन श्वा न (कुत्ता) है। पूजा संपन्न होने के बाद किसी काले कुत्ते को रोटी, बिस्किट या दूध अवश्य दें। यदि आप कुत्ते की सेवा करते हैं, तो काल भैरव अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
निष्कर्ष
भगवान काल भैरव कलयुग के जाग्रत देवता हैं। वे अपने भक्तों के लिए माता-पिता के समान रक्षक हैं और दुष्टों के लिए काल समान हैं। यदि आप सच्चे मन और सात्विक भाव से उनका मंत्र जाप करते हैं, तो आपके जीवन के सभी संकट दूर हो जाएंगे।