भक्ति का नाम सुनते ही दिल में एक अलग ही शांति उतर आती है। जब भगवान के भजन ढोलक की मीठी थाप पर गाए जाते हैं, तो लगता है मानो खुद भगवान हमारे बीच मौजूद हैं। ढोलक की आवाज़ में एक जादू होता है — न ज़्यादा तेज़, न ज़्यादा धीमी, बस ऐसा तालमेल जो हर शब्द में भक्ति का एहसास जगाता है।
आज हम बात करेंगे उन 10 सबसे प्यारे भजनों की जो ढोलक पर गाए जाते हैं और जिनके बोल सुनते ही मन भक्ति में डूब जाता है। ये वो भजन हैं जो हर मंदिर, मंडली, और घर के कीर्तन में अक्सर गूंजते हैं।
भजन और ढोलक का रिश्ता
भजन का मतलब सिर्फ़ भगवान की तारीफ़ करना नहीं, बल्कि उनसे जुड़ना है। और ढोलक इस जुड़ाव को और गहरा कर देती है। जब ढोलक की थाप पर “राम”, “कृष्ण” या “शिव” का नाम लिया जाता है, तो हर शब्द में कंपन महसूस होता है।
भारत की लगभग हर भक्ति परंपरा में ढोलक का उपयोग किया जाता है — चाहे वह रामभक्ति हो, कृष्णभक्ति हो या साईं भक्ति। ढोलक की आवाज़ से भक्ति गीतों में जोश भी आता है और लय भी। यही वजह है कि हर भजन मंडली में ढोलक वादक सबसे ज़रूरी सदस्य होता है।
चलिए अब जानते हैं टॉप 10 ढोलक वाले भजन
नीचे दिए गए ये भजन न सिर्फ़ सुनने में अच्छे लगते हैं, बल्कि इन्हें ढोलक की थाप पर गाने से माहौल भक्तिमय हो जाता है।
1. Jai Jai Ram Krishna Hari
यह भजन महाराष्ट्र से जुड़ा हुआ है और इसे अक्सर संतों की मंडलियों में गाया जाता है। “जय जय राम कृष्ण हरी” के शब्दों में भगवान राम और भगवान कृष्ण दोनों की महिमा छिपी है।
जब इसे ढोलक के साथ गाया जाता है, तो इसकी लय बहुत ही शांत लेकिन दिल को छूने वाली होती है। इस भजन का सबसे बड़ा संदेश यही है कि नाम जपने से ही मन पवित्र होता है।
ढोलक की धीमी थाप और “जय जय राम कृष्ण हरी” के दोहराव से ऐसा लगता है मानो आत्मा भगवान के चरणों में झुक गई हो।
2. Raghupati Raghav Raja Ram
यह भजन महात्मा गांधी जी का प्रिय भजन था। आज भी जब इसे गाया जाता है, तो वातावरण में एक अद्भुत शांति और प्रेम फैल जाता है।
ढोलक पर इसे गाने का अपना मज़ा है — “रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम” की लय पर हर कोई झूम उठता है।
इस भजन का सबसे सुंदर भाग वह है जहाँ “ईश्वर अल्लाह तेरो नाम” आता है, जो एकता और प्रेम का संदेश देता है। ढोलक की हल्की थाप इस संदेश को और गहराई से महसूस कराती है।
3. Om Jai Jagdish Hare
ये आरती तो लगभग हर घर में जानी-पहचानी है। चाहे कोई पूजा हो या आरती, “ओम जय जगदीश हरे” गाए बिना कार्यक्रम अधूरा लगता है।
जब इसे ढोलक के साथ गाया जाता है, तो हर “जय जगदीश हरे” के साथ दिल से “जय” निकलती है।
ढोलक की ताल इस भजन को और ज्यादा ऊर्जावान बना देती है।
अगर आप किसी पारिवारिक पूजा या भजन मंडली में ढोलक बजाकर ये आरती गाएँ, तो माहौल में अद्भुत शांति और शक्ति दोनों महसूस होगी।
4. Shirdi Wale Sai Baba
साईं भक्तों के लिए यह भजन भावनाओं से भरा हुआ है।
“शिर्डी वाले साईं बाबा, आए हैं तेरे द्वार” के बोल सुनते ही हर भक्त की आँखों में श्रद्धा झलकती है।
ढोलक के साथ इस भजन को गाने का असर बहुत गहरा होता है। इसकी बीट्स इतनी प्यारी होती हैं कि सुनने वाला खुद-ब-खुद हाथ जोड़ लेता है।
यह भजन सिखाता है कि साईं सिर्फ़ एक जगह या धर्म के नहीं, बल्कि सबके हैं।
5. Hey Ram Hey Ram
यह भजन सीधा दिल से निकलता है।
जब किसी का मन दुखी होता है, या जीवन में कोई उलझन आती है, तो “हे राम, हे राम” गाने से मन को शांति मिलती है।
ढोलक की धीमी ताल और इसके भावपूर्ण बोल सुनने वाले को भीतर तक छू जाते हैं।
यह भजन ध्यान और शांति दोनों का अनुभव कराता है।
6. Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram
यह भजन भक्ति का प्रतीक है।
हर लाइन में भगवान राम और माता सीता की महिमा गाई जाती है।
ढोलक की मध्यम थाप पर जब “जय जय राम” गूंजता है, तो ऐसा लगता है मानो पूरे ब्रह्मांड में भक्ति का संगीत बज रहा हो।
इस भजन का उपयोग मंदिरों, जागरणों और रामनवमी जैसे पर्वों पर सबसे ज़्यादा होता है।
7. Radhe Radhe Shyam Mila De
कृष्ण भक्तों के लिए यह भजन बहुत खास है।
इसमें प्रेम, भक्ति और समर्पण तीनों का मेल है।
“राधे राधे श्याम मिला दे” कहते ही मन वृंदावन की गलियों में पहुँच जाता है।
ढोलक की थाप पर जब इसे गाया जाता है, तो हर कोई “राधे राधे” बोलकर झूम उठता है।
यह भजन सच्चे प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।
8. Kabir ke Dohe (Bhajan Style)
कबीरदास जी के दोहे ज्ञान और सच्चाई से भरे हुए हैं।
जब इन्हें ढोलक के साथ भजन की शैली में गाया जाता है, तो ये न सिर्फ़ मन को छूते हैं बल्कि जीवन का रास्ता भी दिखाते हैं।
उदाहरण के लिए:
“बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिला कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।”
जब इस दोहे को ढोलक पर गाया जाता है, तो हर लाइन में सच्चाई की आवाज़ सुनाई देती है।
9. Mere Ghar Ram Aaye Hain
यह भजन खुशी और भक्ति का सुंदर मिश्रण है।
जब इसे ढोलक की तेज़ थाप पर गाया जाता है, तो ऐसा लगता है जैसे सच में भगवान घर पधार गए हों।
इस भजन को शादी, रामनवमी या किसी धार्मिक अवसर पर गाया जाए तो पूरा माहौल उत्सव में बदल जाता है।
इसके बोल मन को आनंद और ऊर्जा दोनों देते हैं।
10. Hanuman Chalisa (Dholak Mix)
हनुमान चालीसा हर भक्त की ज़ुबान पर होती है, लेकिन जब इसे ढोलक की थाप पर गाया जाता है, तो इसकी ताकत और भी बढ़ जाती है।
हर चौपाई के साथ ढोलक की लय मिलकर एक दिव्य अनुभव कराती है।
यह भजन नकारात्मकता दूर करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
अगर आप मंडली में ढोलक के साथ “जय हनुमान ज्ञान गुन सागर” गाएँगे, तो यकीन मानिए — पूरा वातावरण गूंज उठेगा।
ढोलक भजन गाने के फायदे
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मन की शांति मिलती है:
ढोलक की थाप लयबद्ध होती है, जो दिमाग और दिल दोनों को संतुलित करती है। -
भक्ति में एकता आती है:
जब कई लोग मिलकर ढोलक पर भजन गाते हैं, तो सबका मन एक दिशा में केंद्रित होता है। -
तनाव दूर होता है:
संगीत और भक्ति दोनों ही तनाव कम करने के सबसे अच्छे तरीके हैं। -
आत्मविश्वास बढ़ता है:
जब आप दूसरों के सामने भजन गाते हैं, तो आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। -
घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है:
ढोलक पर गाए गए भजन घर के वातावरण को पवित्र और शांत बनाते हैं।
ढोलक के साथ भजन कैसे गाएँ
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शुरुआत में ढोलक की धीमी बीट्स रखें।
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हर लाइन के बाद हल्की थाप से लय बनाए रखें।
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आवाज़ में भावना लाएँ, सिर्फ़ गाना नहीं — महसूस करें।
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अगर मंडली में गा रहे हैं, तो एक सुर में सभी का तालमेल बनाए रखें।
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बीच-बीच में “जय श्रीराम”, “राधे राधे” या “साईं राम” जैसे नाम बोलें ताकि माहौल भक्तिमय बना रहे।
निष्कर्ष
ढोलक सिर्फ़ एक वाद्ययंत्र नहीं, बल्कि भक्ति का माध्यम है।
जब हम ढोलक पर भजन गाते हैं, तो हर थाप में श्रद्धा, प्रेम और शांति झलकती है।
ऊपर बताए गए ये टॉप 10 ढोलक वाले भजन ऐसे हैं जो हर किसी के दिल को छू जाते हैं।
इनमें से कोई भी भजन चुनिए, ढोलक उठाइए और गाना शुरू कीजिए —
देखिए कैसे पूरा माहौल भक्ति से भर जाएगा।
भक्ति का असली आनंद शब्दों में नहीं, अनुभव में है।
तो अगली बार जब भजन गाएँ, ढोलक ज़रूर बजाइए —
क्योंकि ढोलक की थाप ही वो धड़कन है जो भगवान तक पहुँचती है।