भक्ति की राह पर चलने वाले हर भक्त का सपना होता है कि एक दिन प्रभु श्रीराम स्वयं उसके द्वार पर आएँ। यही दिव्य भावना इस भजन “मेरी झोपड़ी के भाग – राम आएँगे” में झलकती है। यह गीत केवल शब्दों का संगम नहीं, बल्कि एक सच्चे भक्त के हृदय की पुकार है — जिसमें प्रेम, श्रद्धा और आशा की गूंज है।

इस भजन में एक साधारण भक्त अपनी झोपड़ी में भगवान राम के आगमन की प्रतीक्षा करता है, और अपने हृदय, घर और जीवन को सजाने-संवारने की तैयारी करता है। दीपक, भोग, भजन और उल्लास से भरा यह गीत हमें यह सिखाता है कि जब विश्वास सच्चा हो, तो ईश्वर स्वयं आकर हमारे जीवन को प्रकाशमय कर देते हैं।


मेरी झोपड़ी के भाग राम आएँगे 

मेरी झोपड़ी के भाग,
आज खुल जाएंगे, राम आएँगे,
राम आएँगे।

मेरी झोपड़ी के भाग,
आज खुल जाएंगे, राम आएँगे॥

राम आएँगे तो, आँगना सजाऊँगी,
दीप जलाके, दिवाली मनाऊँगी।
मेरे जन्मों के सारे पाप मिट जाएंगे,
राम आएँगे,

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मेरी झोपड़ी के भाग,
आज खुल जाएंगे, राम आएँगे॥

राम झूलेंगे तो, पालना झुलाऊँगी,
मीठे मीठे मैं भजन सुनाऊँगी।
मेरी ज़िंदगी के सारे दुःख मिट जाएंगे,
राम आएँगे,

मेरी झोपड़ी के भाग,
आज खुल जाएंगे, राम आएँगे॥

मैं तो रूचि रूचि भोग लगाऊँगी,
माखन-मिश्री मैं राम को खिलाऊँगी।
प्यारी प्यारी राधे, प्यारे श्याम संग आएँगे,
श्याम आएँगे,

मेरी झोपड़ी के भाग,
आज खुल जाएंगे, राम आएँगे॥

मेरा जनम सफल हो जाएगा,
तन झूमेगा और मन गीत गाएगा।
राम सुन्दर मेरी किस्मत चमकाएँगे,
राम आएँगे,

मेरी झोपड़ी के भाग,
आज खुल जाएंगे, राम आएँगे॥

मेरी झोपड़ी के भाग,
आज खुल जाएंगे, राम आएँगे।
राम आएँगे, आएँगे, राम आएँगे।
मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे,
राम आएँगे॥